भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति श्री रतन टाटा जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश की औद्योगिक प्रगति और सामाजिक विकास के लिए समर्पित किया उनका दूर दृष्टिकोण, समर्पण और व्यावसायिक कुशलता न केवल टाटा संस को ऊंचाइयों तक ले गया बल्कि उनकी यह कुशलता देश के नवनिर्माण में नीम का पत्थर साबित हुई, जिसके कारण राष्ट्र के विकास में उनकी इस महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना हमेशा की जाएगी |

रतन टाटा का जीवन

रतन टाटा जी का जन्म 28 दिसंबर सन 1937 को मुंबई में हुआ था उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा मुंबई के कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल, से की, और इसके बाद उन्होंने अमेरिका के कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की उन्होंने अपना शुरुआती दौर अमेरिका में ही कुछ समय काम करते हुए बताया, फिर वर्ष 1962 में टाटा समूह में शामिल हुए, 1981 में उन्हें टाटा समूह का अध्यक्ष और फिर जेआरडी टाटा के रिटायरमेंट के बाद वर्ष 1991 में टाटा संस के अध्यक्ष के पद को संभाला I

रतन टाटा का निधन

भारत के दिग्गज उद्योगपति और टाटा संस के चेयरमैन रतन नवल टाटा का निधन 86 वर्ष की उम्र में 09 अक्टूबर 2024 को हुआ उन्होंने मुंबई के बीच कैंडी अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली बढ़ती उम्र से जुड़ी समस्याओं के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था I

रतन टाटा देश के सभी नागरिकों के लिए एक प्रेरणा हैं, वह एक बिजनेस टाइकून ही नहीं बल्कि एक परोपकारी व्यक्ति भी थे टाटा समूह के अधिकांश लाभ धर्मार्थ ट्रस्टों को जाते हैं जो भारत के शैक्षिक, स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक विकास में योगदान करते हैं,  उन्होंने आपदा, राहत, ग्रामीण विकास और शिक्षा से जुड़ी परियोजनाओं में शामिल होकर एक अहम भूमिका निभाई है |

विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण

रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा संस ने कई बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया, उनके नेतृत्व में टाटा समूह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन गया, उन्होंने 40 से भी ज्यादा स्टार्ट-अप में निवेश किया और टाटा समूह को एक नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया |

जिसमें मुख्यतः

  • जगुआर लैंड रोवर (2008) – फोर्ड मोटर कंपनी से अधिकृत जगुआर लैंड रोवर यह अधिग्रहण वैश्विक आटोमोटिव उद्योग में टाटा समूह के लिए मील का पत्थर साबित हुआ |
  • टेटली (2000) – अधिग्रहण के चलते टाटा टी को विश्व स्तर पर सबसे बड़ी चाय कंपनी में से एक बना दिया |
  • कोरस ग्रुप (2007) – 2007 में इस यूरोपीय स्टील कंपनी के अधिग्रहण ने टाटा स्टील को दुनिया के सबसे बड़े स्टील       उत्पादकों में से एक बना दिया |

टाटा नैनो व टाटा इंडिका

टाटा नैनो और टाटा इंडिका ऑटोमोबाइल की कल्पना और निर्माण उनके नेतृत्व में किया गया था, वर्ष 2009 में टाटा मोटर्स के द्वारा नैनो कार लांच की गई, कंपैक्ट और सस्ती कार श्री रतन टाटा जी का एक सपना था क्योंकि वह मध्यम वर्ग के भारतीयों के लिए एक ऐसा समाधान प्रदान करना चाहते थे जिससे वह अपनी कार का सपना पूरा कर सके, हालांकि इस गाड़ी ने अपेक्षा के अनुकूल सफलता हासिल नहीं की, फिर भी रतन टाटा जी के इस कदम की जितनी सराहना की जाए वह काम है |

सेवानिवृत्ति

दिसंबर 2012 में अपने 75वें जन्मदिन पर रतन टाटा ने टाटा समूह के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। शापूरजी पल्लोनजी समूह के प्रबंध निदेशक साइरस मिस्त्री टाटा समूह के नए अध्यक्ष बने फिर 2017 मैं नटराजन चंद्रशेखरन को इस पद पर नियुक्त किया गया, उन्होंने अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और सेवानिवृत्ति के बाद भी रतन टाटा व्यवसाय और परोपकार के कार्यों में सक्रिय थे |

उपलब्धियां और पुरस्कार

रतन टाटा जी को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है जिनमें शामिल हैं

  • पद्म भूषण (भारत सरकार का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान (2000)
  • ओरिएंटल रिपब्लिक ऑफ उरुग्वे का पदक (उरुग्वे सरकार (2004)
  • अंतर्राष्ट्रीय विशिष्ट उपलब्धि पुरस्कार (बी’नाई ब्रिथ इंटरनेशनल (2005)
  • महाराष्ट्र भूषण (2006)
  • लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस की मानद फैलोशिप (2007)
  • पद्म विभूषण (भारत सरकार का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान (2008)
  • इटालियन गणराज्य के ऑर्डर ऑफ मेरिट के ‘ग्रैंड ऑफिसर’ का पुरस्कार (इटली सरकार (2009)
  • मानद नाइट कमांडर ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ द ब्रिटिश एम्पायर, यूनाइटेड किंगडम (2009) की उपाधि
  • ओस्लो बिजनेस फॉर पीस अवार्ड (बिजनेस फॉर पीस फाउंडेशन (2010)
  • ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर का मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस (2014)
  • असम बैभव (2021)

रतन टाटा की विद्यार्थियों के लिए सीख

रतन टाटा जी ने एक स्कूल में भाषण के दौरान कुछ बातें बताईं जो विद्यार्थियों को नहीं सिखाई जाती |

  1. जीवन उतार-चढ़ाव से भरा है, इसकी आदत बना लो |
  2. लोग तुम्हारे स्वाभिमान की परवाह नहीं करते, इसलिए पहले खुद को साबित करके दिखाओ |
  3. कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद पांच आंकड़े वाली पगार की मत सोचो, एक रात में कोई वाइस प्रेसिडेंट नहीं बनता,इसके लिए अपार मेहनत करनी पड़ती है |
  4. अभी आपको अपने शिक्षक सख्त और डरावने लगते होंगे, क्योंकि अभी तक आपके जीवन में बॉस नामक प्राणी से पाला नहीं पड़ा |
  5. तुम्हारी गलती सिर्फ तुम्हारी है, तुम्हारी पराजय सिर्फ तुम्हारी है, किसी को दोष मत दो, गलती से सीखो और आगे बढ़ो|
  6. तुम्हारे माता-पिता तुम्हारे जन्म से पहले इतने नीरस और उबाऊ नहीं थे, जितना तुम्हें अभी लग रहा है तुम्हारे पालन पोषण करने में उन्होंने इतना कष्ट उठाया कि उनका स्वभाव बदल गया |
  7. सांत्वना पुरस्कार सिर्फ स्कूल में देखने को मिलता है, स्कूलों में तो पास होने तक परीक्षा दी जा सकती है, लेकिन बाहर की दुनिया के नियम अलग है, वहां हारने वालों को मौका नहीं मिलता |
  8. जीवन के स्कूल में कक्षाएं और वर्ग नहीं होते, और वहां महीने भर की छुट्टी नहीं मिलती, आपको सीखने के लिए कोई समय नहीं देता, यह सब आपको खुद करना होता है |
  9. टीवी का जीवन सही नहीं होता, और जीवन टीवी के सीरियल नहीं होते, सही जीवन में आराम नहीं होता, सिर्फ काम और सिर्फ काम होता है, क्या आपने कभी यह विचार किया की लग्जरी क्लास कार (जैगुआर, हम्मर, बीएमडब्ल्यू, ऑडी, फरारी) का किसी टीवी चैनल पर कोई भी विज्ञापन क्यों नहीं दिखाया जाता, क्या कारण है कि उन कार कंपनी वालों को यह पता है, कि ऐसी कार लेने वाले व्यक्ति के पास टीवी के सामने बैठने का फालतू समय नहीं होता |
  10. लगातार पढ़ाई करने वाले और कड़ी मेहनत करने वाले अपने मित्रों को, कभी मत चिढ़ाओ, एक समय ऐसा आएगा कि तुम्हें उनके नीचे काम करना पड़ेगा |

रतन टाटा हम सबके के लिए एक प्रेरणा

ईमानदारी के साथ व्यापार करके कैसे लोगों की सेवा की जाती है यह कोई श्री रतन टाटा जी से सीखे टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने कंपनी को ऐसी ऊंचाइयों पर पहुँचाया जिस कारण इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित मान्यता मिली, इतनी सफलता के बाद भी श्री रतन टाटा के उदार व्यक्तित्व की जितनी सराहना की जाए वह कम है एक प्रमुख परोपकारी व्यक्ति के रूप में उन्होंने टाटा समूह के लाभार्थ 60% हिस्सा धर्मार्थ ट्रस्टों में निवेश किया, उनके जीवन का मुख्य लक्ष्य मानव विकास और लोगों को एक बेहतर जीवन स्तर प्रदान करना था, उन्होंने सदैव एक साधारण जीवन शैली अपनाते हुए एक साधारण जीवन यापन किया उनकी मृत्यु का दुःख भारत के हर देशवासी को है, हम सभी के लिए वो एक आदर्श और प्रेरणा है |

One thought on “रतन टाटा – जीवन नहीं एक प्रेरणा”

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