कृत्रिम बुद्धिमत्ता क्या है

अगर हम कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) की बात करें तो सबसे पहले इसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग आमतौर पर कृत्रिम बौद्धिक क्षमता को विकसित करना है, इसके उपयोग से कंप्यूटर सिस्टम और रोबोटिक सिस्टम को मानव बुद्धि के समान या उससे ऊपर जाकर कार्य करने के लिए विकसित किया गया है, अगर हम आसान शब्दों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की बात कर तो हमने इसकी कार्य प्रणाली को स्टार वार, मैट्रिक्स, आई रोबोट, और टर्मिनेटर और ब्लेड सर जैसी हॉलीवुड फिल्मों में देखा तो है, जिससे हमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग व कार्य करने की क्षमता और उसके कार्य करने के तरीके का पता चल जाता है, पहला कार्यशील एआई प्रोग्राम 1951 में मैनचेस्टर विश्वविद्यालय की फेरेंटी मार्क 1 मशीन पर चलाने के लिए लिखा गया था, क्रिस्टोफर स्ट्रेची द्वारा लिखित एक चेकर्स-प्लेइंग प्रोग्राम और डिट्रिच प्रिंज़ द्वारा लिखित एक शतरंज-प्लेइंग प्रोग्राम था, वर्ष 1997 में एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) युक्त सिस्टम के द्वारा गैरी किमोविच कास्पारोव जो की एक एक रूसी शतरंज ग्रैंडमास्टर हैं को वह सिस्टम हरा चुका है|

कृत्रिमबुद्धिमत्ता (AI)की शुरुआत;-

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का आरंभ 1950 के दशक में ही हो गया था, लेकिन इसको पहचान 1970 के दशक में मिली सन 1981 में जापान ने सबसे पहले इसकी पहल करते हुए पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर सिस्टम परियोजना (एफजीसीएस), जापान के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और उद्योग मंत्रालय द्वारा एक पहल है, जो 1982 में शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य एक “पांचवीं पीढ़ी का कंप्यूटर” बनाना था, जो बड़े पैमाने पर समानांतरता का उपयोग करके बहुत अधिक गणना करने वाला था, इसमें सुपर कंप्यूटर के विकास के लिए 10 वर्षीय रूपरेखा प्रस्तुत की गई थी जिसके बाद अन्य देशों में भी अनेक प्रोजेक्ट चालू किए गए, इसके बाद कुछ निजी संस्थाओं ने मिलकर सन 1983 में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की उन्नत तकनीक पर कार्य करने हेतु जैसे बहुत बड़े पैमाने पर एकीकृत सर्किट का विकास करने के लिए एक संघ की स्थापना की जिसे माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर टेक्नोलॉजी कहते है |

वर्तमान समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग-

वर्तमान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का प्रयोग विभिन्न सेक्टरों जैसे, चिकित्सा क्षेत्र, एडवांस्ड कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, वेब इंजन, एडवांस मशीन टेक्नोलॉजी में बड़े स्तर पर किया जा रहा है |

हेल्थकेयर फील्ड में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)  का उपयोग-

इसका उपयोग नई दवाइयां और उपचारों को विकसित करने बीमारियों का निदान करने इत्यादि हेल्थकेयर फील्ड में कियाजा रहा है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करके बीमारियों का शीघ्र निदान किया जाता है जो यह अनुमान लगाने के लिए पैटर्न और डाटा का विश्लेषण करता है कि किसी मरीज में कैसे कोई विशिष्ट बीमारी होने की संभावना है वह उस डाटा का इस्तेमाल कर नई बीमारी को जल्दी ठीक करने वाली दवाइयां को इजात करता है |

आने वाले समय में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का सवरूप-

अगर हम विश्व स्तरीय आर्थिक मंच के अनुसार बात कर तो वर्ष 2027 तक 42 प्रतिशत व्यावसायिक कार्य को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)युक्त मशीन संभाल लेगी, जिनको हम रोबोटिक मशीन के नाम से जानते हैं, यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)युक्त अत्याधुनिक मशीन कार्य करने की क्षमता को अधिक गति से करती हैं और व्यवसाय के उत्पादन में बढ़ोतरी भी करती हैं, जिससे व्यवसाय के सेक्टर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) युक्त मशीनों की डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ रही है,

हम अगर आज की बात करें तो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का आमतौर पर उपयोग चिकित्सा, परिवहन, रोबोटिक्स, विज्ञान, शिक्षा, सेना, निगरानी इत्यादि फील्ड में किया जाता है, जहां आज वैज्ञानिक और इंजीनियर खोज  और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की क्षमता का पता लग रहे हैं, जिससे हम विज्ञान की एक अलग ही दिशा में अपने आप को बढ़ता हुआ पा रहे हैं |

टेस्ला कार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का एक बेहतरीन नमूना;- जैसे बात करें परिवहन की दिशा में अपने टेस्ला कंपनी का नाम तो सुना ही होगा जिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)काखूब उपयोग होता है, जिसमें मुख्यतः ऑटो पायलट कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की मदद से गाड़ी स्वतः ड्राइव करती है, टेस्ला की ऑटो पायलट प्रणाली की उन्नत ड्राइवर सहायता सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) एआई एल्गोरिदम की मदद से टेस्ला की ऑटोपायलट प्रणाली वास्तविक समय में सेंसर डेटा का विश्लेषण करने में सक्षम है, जिससे यह बदलती सड़क स्थितियों के आधार पर सूचित निर्णय लेने में सक्षम है, यह सिस्टम कार के आस-पास के वातावरण का विश्लेषण करने और सड़क पर नई स्थितियों पर प्रतिक्रिया करने के लिए कैमरे, रडार और अल्ट्रासोनिक सेंसर के संयोजन का उपयोग करता है, इन सेंसरों द्वारा एकत्रित किए गए डेटा में पैटर्न को पहचानने के लिए मशीन लर्निंग एआई एल्गोरिदम का उपयोग किया जाता है, जिसका उपयोग यह निर्णय लेने के लिए किया जाता है कि कार की बदलती परिस्थितियों में कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए, जिससे ड्राइविंग के समय किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने की संभावना को समाप्त किया जा सके |

सुरक्षा और निगरानी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का सहयोग;-

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) ने सुरक्षा और निगरानी में एक अलग ही उदाहरण पेश किया है,

 जैसे;- ड्रोन से निगरानी, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कैमरों से निगरानी, यातायात, परिवहन में वीडियो एनालिस्ट में किया जा रहा है, जिसकी सहायता से सुरक्षा टीमें संभावित खतरों के बारे में जानने व उससे संबंधित जानकारी को जुटाने में करती है, अनुमानित है कि भविष्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की ऐसी रचना की जाएगी जो कि मनुष्य के मस्तिष्क से अधिक तीक्ष्ण  होगी, यह बुद्धिमत्ता समस्याओं के समाधान बहुत तीव्रता से कर सकेगी जो कि मनुष्य की क्षमता से परे होगा, माना जाता है कि 2045 तक मशीने स्वयं सीखने और स्वयं को सुधारने में सक्षम हो जाएगी और इतनी तेज गति से सोचने समझने और काम करने लगेगी की मानव विकास का पथ हमेशा के लिए मुश्किल हो जाएगा|

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के प्रमुख उपयोग

कंप्यूटर गेमिंग (Computer Gaming)

एक्सपर्ट एडवांस सिस्टम (Expert Advance Systems)

इंटेलिजेंट रोबोट (Intelligent Robot)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के प्रकार

पूर्णतः प्रतिक्रियात्मक (Fully reactive)

सीमित स्मृति (Limited Memory)

मस्तिष्क सिद्धांत (Brain Theory)

आत्म चेतन (Self Conscious)

आत्म चेतन (Self Conscious)

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के फायदे और नुकसान

मुख्यतः भविष्य में जिस प्रकार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग की कल्पना है, उससे यह अनुमान लगाया गया है कि मनुष्य के रहने और कार्य करने के तरीकों में एक व्यापक बदलाव आएगा |

अगर हम व्यवसाय में बात करें तो रोबोटिक्स और वर्चुअल रियलिटी जैसी तकनीको से उत्पादन और निर्माण के तरीकों में एक क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेगा |

कुछ संस्थानों के अध्ययन में यह पाया गया है कि आने वाले कुछ वर्षों में अमेरिका, जापान, जर्मनी, यूके जैसे बड़े देशों में लाखों रोजगार समाप्त हो जाएंगे |

दरअसल कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) एक जटिल विषय है, यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि बुद्धिमान मशीनों के दौर में मनुष्य और निपुण बनेगा या फिर बुद्धिमान मशीनों की वजह से बेरोजगारी की समस्या बढ़ेगी, इसका जवाब अभी दे पाना बहुत मुश्किल है, आज के दौर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जिस तरह से प्रगति कर रहा है, उसको देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि भविष्य में मनुष्य के लिए बेरोजगारी की संभावना बढ़ सकती है, जब इनका उपयोग दैनिक जीवन में ज्यादा होने लगेगा तब यह समझना की कैसे किसी कार्य क्षेत्र में बुद्धिमान मशीनों का कुशलता से उपयोग हो सकता है, सफलता के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो जाएगा, एक कुशल व्यक्ति चाहे वह डॉक्टर हो इंजीनियर हो लेखक या अध्यापक हो वह इन बुद्धिमान मशीनों का उपयोग करके अपने कौशल को निखारेगा, सबसे ज्यादा सफल वह व्यक्ति होगा जो एकदम नए विचार, उत्पाद, सेवाओं और उद्योगों की कल्पना करने में सक्षम होगा, हमें पहले इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलुओं पर विचार करना होगा क्योकि आने वाले कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के दौर में मशीनीकरण के माध्यम से आए परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित वह लोग होंगे जो अपनी कुशल क्षमता में निश्चित समय में भीतर सुधार लाने में असमर्थ होते हैं,

क्या यह तेजी से सब लोगों की नौकरियां खाने लगेगा

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) वास्तव में जल्दी ही लोगों की नौकरियां खाने लगेगा यह सवाल नया नहीं है यह कहना गलत नहीं होगा कि वर्तमान में चैट जीपीटी की बेमिसाल सफलता और हाल ही में गूगल के नए रूप चैट बोर्ड जैमिनी से लोगों की चिंताएं बड़ी है |

चैट जीपीटी

चैट जीपीटी को इंग्लिश में चैट जेनरेटिव प्रिट्रेंड ट्रांसफार्मर (Chat Generative Pretrained Transformer) कहते हैं. इसे ओपन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Open AI) द्वारा बनाया गया है. आम बोलचाल की भाषा में इसे ऐसे समझा जा सकता है. Chat GPT एक प्रकार का चैट बोट है. यानि ऐसा चैट बोट जो आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न को समझ कर विस्तार से जवाब तैयार कर देता है,

जब एलॉन मुस्क से यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने प्रौद्योगिकी को अपना सबसे बड़ा डर बताते हुए कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के कारण शायद भविष्य में हम में से किसी के पास नौकरी नहीं होगी,

टेक्नोलॉजी के दिग्गज पेरिस में विवाटेक 2024 में बोल रहे थे की अगर ऐ आई ने कार्यभार संभाला लिया तो जीवन का कोई महत्व नहीं रह जायेगा इसको एक चेतावनी के तोर पर भी देखा जा सकता है,

स्पेस एक्स (SpaceX) के सीईओ एलन रीव मस्क (Elon Musk) ने कहा मेरा सबसे बड़ा डर “ऐ आई” है उन्होंने यह भी कहा की क्या इंसान बिना नौकरी और कैरियर के जीवन में संतुष्ट होगा, उनका डर सच्चा है अगर कम्प्यूटर, रोबोट और मशीने इंसान से बेहतर और उसका काम करने लगेगी तो जीवन का क्या अर्थ रह जायेगा, उनका यह भी दावा है की 2025 के अंत तक “ए आई” किसी भी इंसान से ज्यादा स्मार्ट हो जायेगा |

निष्कर्ष

अगर हम सभी बातों का निष्कर्ष निकाले तो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) कई दशकों से चर्चा के केंद्र में रहा है, तो वैज्ञानिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के अच्छे और बुरे परिणामों को लेकर समय-समय पर विचार विमर्श करते हैं, आज कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की मदद से दुनिया तकनीकी जगत में बहुत तेजी से बदल रहा है, विकास के क्षेत्र में सुख सुविधाओं के क्षेत्र में अच्छी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में अंत्य आधुनिक तकनीक का बहुत प्रयोग हो रहा है, बढ़ते औद्योगीकरण, शहरीकरण और भूमण्डलीयकरण ने जहां विकास की गति को तेज किया है वहीं इसने कई नई समस्याओं को भी जन्म दिया है, जिसका समाधान करने के लिए नित्य नए रस्ते निकालते रहते हैं, जहां वैज्ञानिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के आने के लाभ को गिनवाते हैं वही वह यह भी कहते हैं कि इसके आने से सबसे बड़ा नुकसान इंसान को ही होगा, क्योंकि इंसान का काम मशीनों से लिया जाएगा जो स्वयं निर्णय लेने मे सक्षम होगी मशीनो पर अगर नियंत्रण नहीं किया गया तो वह मानव सभ्यता के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है, ऐसे में वैज्ञानिकों को इसके इस्तेमाल से पहले लाभ और हानि दोनों पहलुओं की गहनता से जांच करनी होगी नहीं तो इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं, और जिसके कारण हो सकता है की मानव अस्तित्व खतरे मे पड जाए |

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